16 दिसंबर, 2023

Heaven’s lighthouse (Episode 5) free story in Hindi

Episode 5

एनाबेल ने पूरी रात बीच पर ही बिताई, वह देर रात तक थॉमस की बाते सोचती रही और कब उसे नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला। जब उसकी आँख खुली तो सुबह हो चुकी थी पर एक बात उसे अजीब लगी, किसी ने  उसके ऊपर कंबल रखा हुआ था, जब के रात को वह कंबल ले कर नहीं आई थी। जब उसकी आँख खुली तब कोई उसका नाम पुकार रहा था। वह कोई और नहीं उसके पिता ही थे जो उसे यहाँ वहाँ ढूंढ रहे थे।

उसके पिता बीच पे उसे ढूंढ रहे थे और वे डरते हुए उसके पास पहुंचे, “क्या आपने मेरी बेटी एनाबेल को कहीं देखा हैं? उसके बाल सुनहरे है और नीली आंखे हैं, साधारण ऊंचाई और पतली सी और कमजोर हैं, जो तेज हवा के झोके में कहीं भी खो सकती हैं।“ पहले तो उनके भी समझ में नहीं आया पर जब उन्होने ठीक से देखा तब पता चला के कंबल ओढ़ के खड़ी लड़की कोई और नहीं एनाबेल ही हैं। उसके पिता ने तुरंत पूछा “तुम यहाँ क्या कर रही हो?”

एनाबेल अपना मुंह चढाते हुए बोली “मैं पतली और कमजोर जो हूँ तो तेज हवा के कारण कमरे से उड कर यहाँ आ गई, मॉर्निंग वॉक के लिए।“

उन्होने अपनी नजरे चुराते हुए कहा “वैसे देखा जाय तो तुम पतली तो हो और यह तो अच्छी बात है।“

“और कमजोर?” एनाबेल गुस्सा करते बोली।

“तुम्हारी बॉडी के हिसाब तो तुम कमजोर ही लगती हो, पर एक बात समझ में नहीं आई, मैंने तो तुम्हें कभी मॉर्निंग वॉक पे जाते हुए नहीं देखा।“

अब एनाबेल अपनी नजरे चुराते हुए बोली “आज से पहले हम समंदर किनारे भी तो नहीं रहते थे। पर आप इतने डरे हुए क्यूँ लग रहे हैं?

उसके पिता ने चिंता करते हुए कहा “तुमको कमरे में नहीं देखा तो मैं डर गया था।“

एनाबेल दुबारा सुनाते हुए बोली “कहीं मैं तेज हवा में बह के समंदर में दूर तो नहीं चली गई ऐसा!”

“नहीं, मुझे लगा तुम्हें कहीं लुटेरें उठा के ना ले गए हो। मेयर ने बताया के यहाँ समुद्री लुटेरों का हमला होता रहता हैं।“ उसके पिता ने चिंता करते हुए कहा।

“चलो चलते हैं। डरने की कोई बात नहीं हैं, और वैसे भी मैं इतनी कमजोर नहीं हूँ के लुटेरें मुझे अगवा कर सके।“ दोनों वापस घर जा रहे थे। एनाबेल को लगा के पक्का यह कंबल थॉमस उसके उपर रख के गया होगा क्योंकि सिर्फ उसे पता था के वह बाहर है।

एनाबेल जल्दी से तैयार हो कर नाश्ता साथ ले कर समंदर किनारे आ गई, उसके पास उसके रंगो का बैग और बाकी सारी चिजे भी थी। सब से पहले तो उसने समंदर का चित्र बनाया। बनाने में उसे वक्त लगा और जब वह बना रही थी समंदर किनारे रोज काम करने वाले लोग हैरान थे कि यह नई लड़की कौन हैं? पहला चित्र उतना अच्छा नहीं बना, पर वह लगी रही एक के बाद एक वह पूरा दिन चित्र बनाती रही। थॉमस उसे दूर से ही देख के खुश हो रहा था क्यों के कल रात वह उदास और खोई खोई लग रही थी पर अब ज़िंदादिल और उत्साह से भरी हुई लग रही थी। उसके हाथो और कपड़ो पे रंग लगे हुए थे और चेहरे पे भी, पर उसे उसकी कोई परवाह नहीं थी वह मजे से अपनी पेंटिंग बनाने में खोई हुई थी। उसे कोई फर्क नहीं पड रहा था के लोग उसके पास आ रहे है कुछ बोल रहे है वह बस अपनी कलाकारी में खोई हुई थी।

जैसे जैसे शाम हो रही थी उसने उसका भी चित्र बना दिया। पहले लोग उस से बात करने में हिचकिचा रहे थे पर जब लोगों ने देखा के मेयर भी उसके साथ बैठ कर देख रहे है कि वह क्या बना रही है तो लोग भी आ कर देखने लगे। लोगों की भी दिलचस्पी बढ़ने लगी और यह तो उसकी कुदरती शक्ति थी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की। वह कुछ ना भी करे तो भी लोग उसकी तरफ खिचे चले आते है और अभी तो वह खुद पेटिंग बना रही थी।

मेयर ने सब को कहा की वह उनकी दूर की रिश्तेदार है जो कुछ दिन वहाँ रहने आई हैं। पहला दिन उसका अच्छे से बिता। वह पूरा दिन इंतजार करती रही के कब थॉमस उसके पास आएगा और वह उस से शुक्रिया कहेगी पर थॉमस काम में इतना उलझा हुआ था के उसे वक्त ही नहीं मिला। थॉमस के दिमाग में अभी ज्यादा से ज्यादा काम कर के पैसे जमा करने की धुन लगी हुई थी पर ऐसा नहीं था के उसका ध्यान एनाबेल पे नहीं गया हो। उसने भी कई बार सोचा के एनाबेल के पास जा के बात करे क्योंके कई लोग उस से बात कर रहे थे, उसके काम की तारीफ कर रहे थे। पर वहाँ लोग थे इसलिए थॉमस नहीं गया, वैसे भी वह बहुत शर्मिला है। पूरे दिन दोनों की नजरे एक दूसरे को देखती रही सामने होते हुए भी ढूंढती रही पर दोनों में से कोई बात करने का मौका नहीं ढूंढ पाए।

एनाबेल ने पूरा दिन चित्र बनाए थे इसलिए वह रात को खाना खा के सो गई। दूसरे दिन भी वह चित्र बना रही थी। कल उसे लोगों ने घेर रखा था और आज बच्चो ने। थॉमस जब भी उसके पास बात करने जाने के लिए कदम बढ़ाता कोई न कोई बच्चा वही आ जाता और थॉमस अपना रास्ता बदल देता। दूसरे दिन उसकी वहाँ के बच्चो से दोस्ती हो गई वो भी उसके साथ बैठ के चित्र बना रहे थे और वो बच्चो को सीखा भी रही थी। एनाबेल ने वहाँ के कई बच्चो को समंदर किनारे पत्थरो के पास बैठने को कहा ताकि वह उनकी तस्वीर बना सके। बिचारे मासूम बच्चे कई देर तक एक ही जगह बैठे रहे, उनके लिए यह मुश्किल था क्योंकि उन्हे ऐसे बैठे रहने की आदत नहीं होती। पर उनकी तस्वीर बन रही है यह देख के वे सभी बैठे रहे और आखिर कार उनकी तस्वीर बन ही गई। सभी बहुत हैरान थे और खुश भी, क्योंकि उन्होने कभी किसी को ऐसे तस्वीर बनाते हुए नहीं देखा था वो भी उनकी। सारे तस्वीर देख खुशी के मारे नाचने लगे।

जब बच्चो ने अपने घर पे कहा के एक दीदी आई है जो बहुत सुंदर चित्र बनाती हैं, तो पूरे गाँव में यह बात फ़ेल गई। दूसरे दिन घर पे सभी एनाबेल की ही बात कर रहे थे। किसी ने उसकी तस्वीर तो नहीं देखि थी पर जैसा कि बच्चो ने कहा वो भी यही समझ रहे थे कि वह बहुत बढ़िया तस्वीर बनाती हैं।

तीसरे दिन सवेरे सभी मेयर के घर पहुँच गए सभी के पास कोई न कोई बहाना था के वो वहाँ क्यों आए हैं। कोई कुछ चिजे देने, कुछ लेने, या बस युही बाते करने आया था जब के सब को एनाबेल की पेंटिंग देखनी थी जो उसने बच्चो की बनाई थी। एनाबेल तो सवेरे सूरज निकलने से पहले ही पहाड़ी की ओर निकल गई थी इसलिए किसी को वह नहीं मिली। पर जब मेयर को अंदाजा हो गया के वो लोग क्यूँ आए है तो उन्होने सब को वह पेंटिंग आखिर दिखा ही दी। सब देख के हैरान रह गए क्योंकि बहुत बढ़िया पेंटिंग थी। ऐसा ही लग रहा था जैसे किसी ने कैमरा से तस्वीर खिच के फ्रेम बना दी हो। किसी ने ऐसा टेलेंट नहीं देखा था सब बहुत ज्यादा हैरान थे। उनके बच्चों की तस्वीर थी तो सभी के मुंह से तारीफ के फूल बरस रहे थे। सब लोग एनाबेल से मिलना चाहते थे पर वह तो बिना बताए कहीं चली गई थी इसलिए सब वापस लौट आए।

दोपहर को जब थॉमस काम कर रहा था तब सब की जुबान पर एक ही नाम था “एनाबेल”। एनाबेल की तारीफ के लोग पुल बांधे जा रहे थे, सब एनाबेल की पेंटिंग की तारीफ कर रहे थे। मेयर के घर पे लोगों की लाइन लगी हुई थी, एक के बाद एक लोग आते ही जा रहे थे। मेयर उनके घर आने वाले सभी को बच्चो की तस्वीरे दिखा रहे थे उन्होने एनाबेल की बाकी की पेंटिंग भी दिखाई उसके बाद तो जैसे वहाँ गदर मच गया। सारे लोग उसके दीवाने हो गए। थॉमस को लगा के उसे भी देखने जाना चाहिए पर वह जाए कैसे उसके पास तो जाने का भी कोई बहाना नहीं था। उसने सोचा के रात को वह बात कर लेगा जब वह टहले आएगी, पर वो कल नहीं आई थी तो उसे पूरा यकीन नहीं था के वह आज भी आएगी। उसके शरमीले स्वभाव के कारण उसने कुछ किया नहीं और रात को अपना नसीब आजमाने के लिए वह मेयर के घर नहीं गया।

उस रात भी वह नहीं आई। क्योंकि वह पूरा दिन पेंटिंग बनाने के कारण थक जाती है तो रात को खाना खा के उसे तुरंत नींद आ जाती हैं। चौथे दिन वह दोपहर को मेयर से बात करने गया पर वो घर पे नहीं थे, उसका बहुत मन था के एनाबेल के बारे में पुछे पर वह ऐसे ही लौट आया। रास्ते में उसे मेयर मिले उसने बात की पर वह शर्म के मारे एनाबेल के बारे में पूछ नहीं पाया।

तभी वहाँ जेमी आई “मिस्टर मेयर क्या एनाबेल मेरी तस्वीर बना सकती हैं?”

मेयर ने गर्व से कहा “वो तुम्हारी क्या किसी की भी तस्वीर बना सकती हैं।“

जेमी ने विनती करते हुए कहा “तो आप उस से बात कीजिए ना के वह मेरी और मेरे पति की एक तस्वीर बना दे।“

“मैं उसे बता तो देता पर वह एक बहुत बड़ी कलाकार है और मुफ्त में काम नहीं करती। शहर में तो लोगों की लाइने लगती है उसके हाथ से तस्वीर बनवाने के लिए। शहर से तंग आ के ही तो वह यहाँ आराम करने आई और ऐसे में भी वह पेंटिंग बनाती रही तो उसे आराम कब मिलेगा? वह रोज रात को खाने के बाद सीधा सो जाती हैं। अपने प्रोजेक्ट के लिए बिचारी पुरा दिन बहुत मेहनत करती हैं, तो उसके पास वक्त नहीं रहता।“ (मेयर इसलिए यह बोल रहे थे ताकि वह एनाबेल की तारीफ कर सके वरना तो उन्हे भी एनाबेल के बारे में कुछ नहीं पता।)

जेमी ने कहा “वैसे भी तो वह पूरा दिन तस्वीर ही बनती है तो क्यूँ ना वह हमारी बना ले, हम उसे उसके काम के पैसे देंगे। बस आप एक बार उस से बात कीजिएगा।“

“ठीक है, मैं बात कर के देखुंगा।“ मेयर ने कहा।

थॉमस वही खड़ा रह के सारी बाते सुन रहा था और वहाँ मेयर पे पास 10 मिनट रुका और उतने में तो तीन लोग आके अपनी तस्वीर बनवाने की बात कर के गए और मेयर ने सब को एक जैसा ही जवाब दिया। थॉमस समझ गया के एनाबेल बहुत थक जाती है इसलिए रात को चलने नहीं आती, और उसे भी एनाबेल को तंग नहीं करना चाहिए। इसलिए उसने अपने मन से एनाबेल से मिलने का खयाल निकाल दिया।

आज एनाबेल जंगल की तरफ गई हुई थी, वहाँ उसने जंगल की कई सारी तस्वीरे बनाई और यहाँ की सब से अच्छी बात यह थी के वहाँ कोई लोग नहीं थे कोई रोक टॉक नहीं थी, जंगल के शांत माहोल में वह आराम से अपनी पेंटिंग बना सकती थी। जंगल का रास्ता भी उसके घर के पीछे ही था तो वह घर से ज्यादा दूर भी नहीं थी। मेयर के घर के आस पास किसी का घर नहीं था। वह समंदर किनारे था और उसके पीछे घना जंगल।

पहले दिन उस से अच्छी पेंटिंग नहीं बनी पर अब हर रोज वह अपनी कला को और निखारती जा रही थी। यहाँ पेंटिंग बनाते समय उसे जो अनुभव हो रहा था वैसा उसे शहर में कभी नहीं लगा। उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने पूरी दुनिया को उसके लिए रोक लिया और वो अलग अलग नजारे कागज के पन्नो पे रंगो के जरिए कैद कर लेना चाहती थी उस से पहले की फिर से ये दुनिया चलने लगे। आज दोपहर के बाद उसने एक ही तस्वीर बनाई पर वह इतनी सुंदर थी के उसके क्या कहने। वो खुद हैरान थी के वह इतनी बढ़िया तस्वीर भी बना सकती हैं, उसे खुद यकीन नहीं हो रहा था। आज एनाबेल को अपनी तस्वीरों में बहुत बड़ा फर्क नजर आ रहा था और यह इसलिए नहीं था के वह एक बहुत सुंदर और शांत जगह पे थी पर अभी उसके सर पे कोई बोज या तनाव नहीं था। वह खुश हो के तस्वीर बना रही थी जैसे वह अपनी माँ को हर तस्वीर के जरिए श्र्द्धांजली दे रही हो। कई दिनों बाद उसने अपना ब्लॉग खोला और अपनी बनाई तस्वीरे पोस्ट की।

रात को उसने ब्लॉग लिखा और तस्वीरे पोस्ट कर दी उसके बाद तो एक रात में उसकी तस्वीरे वायरल हो गई और उसका ब्लॉग भी। दूसरे दिन उसका ब्लॉग पढ़ने वाले सभी लोग हार्बर हेवन गाँव के बारे में जानकारी ले रहे थे। सभी की जुबान पे हार्बर हेवन की तारीफे चल रही थी क्योंकि एनाबेल ने अपने ब्लॉग में हार्बर हेवन की भर भर के तरीफे लिखी थी। एनाबेल के ब्लॉग को तकरीबन 25 हजार लोग पढ़ते थे पर जब से उसकी तस्वीरे वायरल हुई है एक ही रात में उसके ब्लॉग को फॉलो करने वाले लोगों गिनती एक लाख के पार हो गई। हार्बर हेवन के लोगों को पता चले बिना और खुद एनाबेल को पता चले बिना उसने हार्बर हेवन को लोकप्रिय कर दिया वो भी एक ही रात में।


 

14 दिसंबर, 2023

Heaven’s lighthouse (Episode 4) free story in Hindi

 Episode 4


थॉमस रोज की तरह अपने काम में लगा हुआ था उसने तय कर लिया था के गाँव के पास पैसे नहीं है तो वह खुद अपने पैसे से लाइटहाउस को रंग करवाएगा। उसने अब तक कुछ पैसे जमा कर रखे थे जो वह 16 साल की उम्र से जमा कर रह था। उसने यह पैसे अपना नया घर बनाने के लिए जमा किए थे। अपने पिता के कर्जे के कारण 16 की उम्र में उसने अपना इकलौता घर खो दिया था। उसकी माँ की जो कुछ यादे थी वो उसी घर में थी पर अब ना वो घर रहा और ना उसकी माँ। जब उसे और उसके पिता को घर से निकाला था उनकी बहुत बेइज्जती की गई थी तो उसका तब से सपना था के वह खुद का एक घर बनाए और अपने घर के लिए वह तब से पैसे जोड़ रहा था। कुछ साल पहले उसके पास इतने पैसे जमा हो गए थे वह एक छोटा सा घर बना सके पर तब उसके पिता की तबीयत खराब हो गई तो उनके इलाज में सारे पैसे चले गए। दो साल पहले उसे समंदर किनारे एक कीमती सोने का टुकड़ा मिला था उसे बेच के उसके पास उतने पैसे हो जाते जिस से वह एक घर खरीद सकता था पर वह हो ना सका। क्यों के तब एक महामारी के चलते उनके गाँव में सब लोग बीमार हो रहे थे और दवाई का खर्च बहुत ज्यादा था तो उसने सोचा के सायद उसे सोने का टुकड़ा उनके लोगों की मदद करने के लिए ही मिला है तो उसने सारे पैसे गाँव वालो के इलाज के लिए खर्च कर दिए। दो साल से वह दिन में भी जितना हो सके उतना काम करता था जिस से अपने घर के सपने को पूरा कर सके। आज वक एक दुविधा में था के वह बचाए हुए पैसे से अपना घर बने या लाइटहाउस को रंग करे। वह इसलिए गहरी सोच में था क्यों के अगर उसने लाइटहाउस हो रंग करवा भी दिया तो उसमें उसका कोई फायदा नहीं होगा और ना लाइटहाउस के काम में कोई फर्क पड़ेगा क्यों के अंदर की सभी चिजे तो सही सलामत थी। लाइटहाउस के साथ वाला घर हाला की अभी उसी का है पर वह उसका मालिक नहीं हैं। लाइटहाउस को रंग कर देने से उनके गाँव की शान जरूर बढ़ जाएगी, लोग जो घूमने आते थे वह लाइटहाउस के पास ही तस्वीरे खिचते और इसी के कारण उनके गाँव को एक अलग पहचान मिली हुई है जिस से लोग वहाँ आते हैं। उनका छोटा सा गाँव, जहां वैसे भी कम लोग आते थे और अब जब के लाइटहाउस बाहर से बेजान हुआ पड़ा है तो लोगों ने आना भी बंद कर दिया है। अब पूरे गाँव की आमधनी मछली पकड़ने से ही चल रही थी जिसके कारण लोगों के पास पैसे कम थे। अगर वह लाइटहाउस को रंग करवा लेता है तो उनके गाँव के हालात सायद सुधर सकते थे।

थॉमस समंदर किनारे गहरी सोच में था के उसके पास जो पैसे है वह उनका कैसे इस्तेमाल करे, जितना वह सोच रहा था उसकी उलझन उतनी बढ़ती जा रही थी। उसके अंदर अपनी और दूसरों की खुशी के बीच एक जंग चल रही थी जिसे वह चाह के भी रोक नहीं पा रह था। उसके मन के अंदर चल रही जंग तब रुकी जब उसने देखा के समंदर किनारे एक लड़की उदास सी बैठी हुई थी उसके पास रंगो से भरे बॉक्स, एक कैनवास, कई सारे ब्रश पड़े थे पर वह लड़की एकटक बस समंदर को देख रही थी। उसकी नजरे समंदर की तरफ जरूर थी पर वह अपने मन में कुछ गहरे विचारो में गौते लगा रही थी। थॉमस ने उसे वहाँ कभी नहीं देखा था तो उसे लगा के सायद कोई पेंटर है जो वहाँ तस्वीरे बनाने आई होगी। थॉमस स्वभाव से शर्मीला था तो बात करने जाने के बारे में वह सिर्फ सोच ही सकता था। थॉमस उसे बताना चाहता था के यहाँ सिर्फ एक ही जगह नहीं हैं, बहुत सी सुंदर जगह है जहां वो नई नई तस्वीरे बना सकती है और क्या पता अगर यह तस्वीरे मशहूर हो गई तो उनके गाँव में लोग फिर से आने लगे। वैसे भी लाइटहाउस के फीके रंगो को देख के किसी को वहाँ कोई तस्वीर बनाने का मन तो होता नहीं।

थॉमस कुछ देर उलझन में बैठा रहा के लड़की के पास जाए या नहीं। उसकी एक उलझन खत्म नहीं हो रही थी के दूसरी ने जगह बना ली। तभी समंदर में से मछवारों की नाव किनारे की ओर आने लगी और थॉमस उनकी मदद करने उनकी तरफ चला गया।

(रात के वक्त)

रात का समय था, अंधेरे की गौद में तारे टिमटिमाने लगे, बादलों की सवारी आसमान में छाने लगी और चाँद को ढक के अपना रुतबा बढ़ाने की पूरी तैयारी थी, पर पवन ने आज अलग दल चुना हुआ था; उसे तो आज चाँद की ओर से मुकाबला करना था। तेज हवा ने सारे बादलों को चाँद के सामने से हटा दिया और चाँदनी ने अपना दबदबा पूरे टापू पे फैला दिया। रात का वक्त यानि ये थॉमस के काम करने का वक्त था। वह हर रात और पूरी रात उनके गाँव की रखवाली करता। हर रात वो अकेला होता है और साथ में उसकी तनहाई पर आज कोई और भी था।

उसने देखा के एक लड़की समंदर किनारे आधी रात को अकेली बैठी हुई थी, सुनसान बीच पे चाँदनी रात में अकेले समंदर किनारे बैठने मैं किसी को भी डर लगे पर यह तो आराम से बैठी हुई थी, बाल बिखरे हुए थे उसने अपना सर घुटनों पर रखा हुआ था जिस से उसका चेहरा बालों से ढका हुआ था। थॉमस को यह लड़की थोड़ी अजीब लगी, पर वह उसका काम था जा के पुछे कि वह इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है? उसे डर इसलिए लग रहा था क्यों के वहाँ लोगों ने कई कहानियाँ फैलाई हुई थी के समंदर किनारे आधी रात को चाँद की रोशनी में एक लंबे बालों वाली जलपरी समंदर किनारे अकेली बैठी पाई जाती है जो लोगों को अपने साथ खिच के समंदर में ले जाती हैं। अब तक थॉमस ने ऐसा कुछ देखा नहीं था पर क्या पता जलपरी आज उसे अपना शिकार बनाने आई हो।

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डरते हुए थॉमस लड़की के करीब गया और हिम्मत कर के और बहादुर बनते हुए कडक आवाज में पूछा “ए लड़की इस वक्त यहाँ क्या कर रही हो? एकेले रात को ऐसे बैठते हुए डर नहीं लगता?”

एनाबेल बिना सर उठाए बोली “डर लगता तो यहाँ थोड़ी बैठती, और क्या यहाँ रात को एकेले बैठना गैरकानूनी है?”

“गैरकानूनी तो नहीं है, पर मैंने आज तक किसी लड़की को रात में ऐसे बैठे हुए नहीं देखा। सारी लड़कियां डरपोक होती है पर तुम तो बहुत बहादुर हो जो अंधेरी रात में ऐसे एकेलि बैठी हुई हो।“

एनाबेल ने कहा “जब अंदर की उदासी इतनी गहरी हो के बाहर की चीजों से फर्क ना पड़े तो कैसा डर! अगर तुम्हें डर लगे तो चिंता मत करना मैं यहीं बैठी हुई हूँ।“

थॉमस एनाबेल को नहीं जानता था पर वह उसका दर्द तुरंत समझ गया क्यों के उसके अंदर भी कई दर्द भरे पड़े थे। थॉमस उस से दो कदम की दूरी पे बैठ गया। “मैं यहाँ कई सालो से काम कर करते आ रहन हूँ मुझे डर नहीं लगता। पर उदासी देख के लगता है तुमने किसी अपने को खोया हैं?”

थॉमस की बात सुन के एनाबेल दंग रह गई के पहली बार में ही इसने सही अंदाजा कैसे लगाया? पर उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया एनाबेल ने पहली बार सर उठाया और पूछा “तुम्हें कैसे पता? क्या तुमने भी किसी अपने को खोया है?”

थॉमस आगे बोला “हर इंसान अपने जीवन में कई ऐसे लोगों को खो देता है जो उनके दिल के बहुत करीब होते हैं। मैंने भी कई खोए हैं; पर तुम्हारे अंदर छुपा दर्द मैं इसलिए तुरंत समझ पाया क्यों के मैंने ऐसा ही दर्द किसी और साथ भी महसूस किया हैं।“

एनाबेल ने तुरंत पूछा “किस के साथ?”

समंदर की तरफ देख के पुरानी यादे याद करते हुए थॉमस बोला “मेरे पिता के साथ। मैं दो साल का था जब उन्होने अपनी बीवी खोई और मैंने मेरी माँ। कई सालों तक उनकी मौता का जिंमेदार वो खुद को मानते रहे, शराब के नशे में अपने पैसे और घर गवाया साथ में इज्जत भी। पर एक दिन उनको एहसास हो गया के उनके दुखी होने से ना तो मेरी माँ वापसा आएगी ना उनका दुःख कम होगा। तो उनहोने फिर से वही काम करना शुरू कर दिया जो मेरी माँ के मरने से पहले वह करते थे।“

“कौनसा काम?” एनाबेल ने उत्सुकता से पूछा।

“वह एक मछवारे हैं। तो रोज सुबह सूरज निकलते ही नाव ले कर समंदर में चले जाते हैं, पूरा दिन उधर ही वक्त बिताते हैं। पहले उनको लगता था के मेरी माँ को उन्होने समंदर में खोया इसलिए वह कभी समंदर में नहीं जाएंगे पर अब वो हर रोज जाते हैं, हर मौषम में जाते हैं, हर हालात में जाते हैं। क्योंकि उन्हे पता है मेरी माँ के साथ उनकी सब से अच्छी यादे समंदर में ही बनी थी, तो अब वो हर रोज जाते है और सारी खुसियों भरी यादे दोबारा जीते है; ना कि मेरी माँ के मरने का शोक मनाते हैं। अगर तुमने भी किसी अपने को खोया है तो उनके लिए दुखी होने से अच्छा है तुम वो करो जिस से उनको खुशी मिलती थी जब वो जिंदा थे। वो चाहे कहीं भी हो तुम्हें दुखी देख के वो भी खुश नहीं होंगे, उनको और बुरा लगेगा यह जान के कि तुम्हारे दु:ख का कारण वो हैं। अब तुम पर है कि खुद दुखी हो के अपने आप को और उनको दुखी करना है या कुछ ऐसा कर करना है जिस तुम और वो दोनों खुश हो सको।“ थॉमस इतना बोला और उठ के आगे चला गया और एनाबेल उसे जाते हुए हैरानी से देखती रही।

एनाबेल को वो दिन याद आया जब वह कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी उसे देरी हो रही थी पर फिर भी जबर्दस्ती उसकी माँ ने उसके लिए नाश्ता बना के उसके बैग में रख दिया।

एनाबेल घर के दरवाजे पर ही थी और उसके पिताजी बाहर कार में उसका इंतजार कर रहे थे एनाबेल की माँ ने कहा “मुझे पता है तुम बहुत बड़ी पेंटर हो, पर क्या होगा जब लोगों को पता चलेगा की तुमने अपनी माँ की पेंटिंग ही नहीं बनाई।“

एनाबेल अपने जूते पहनते हुए बोली “आप जानती है मैं लोगों की तस्वीरे नहीं बनाती।“

झूठी उदासी दिखाते हुए उसकी माँ ने कहा “तो क्या मेरी भी नहीं बनाओगी?”

एनाबेल कार की तरफ जाते हुए बोली “आप सही कीमत दोगी तो सोचूँगी।“

“ठीक है तो आज शाम तुम्हें ऐसा ऑफर मिलेगा के तुम ठुकरा नहीं पाओगी।“ एनाबेल की माँ ने ज़ोर से कहा ताकि एनाबेल सुन सके और एनाबेल कार में बैठ के चली गई। यह आखरी बात थी जो उन्होने की उसके बाद उसकी माँ भगवान को प्यारी हो गई। अपनी माँ की मौत के बाद एनाबेल ने पेंटिंग बनाना बंद कर दिया, वह कोई चित्र भी बनाती तो उसमें भी उसका मन नहीं लगता।

वह यही सोचती रहती के, वह अपनी माँ की आखरी इच्छा पूरी नहीं कर सकी। इसलिए वह हर वक्त उदास रहने लगी थी पर आज थॉमस से बात कर के उसे एहसास हुआ के उसकी माँ कभी नहीं चाहती थी के एनाबेल पेंटिंग करना बंद कर दे, वो तो चाहती थी के एनाबेल बहुत बड़ी कलाकार बने और उसकी पंटिंग पूरी दुनिया में मशहूर हो। यही उसकी माँ का सपना था।


episode 3

06 दिसंबर, 2023

Heaven’s lighthouse (Episode 3) free story in Hindi




Episode 3

(एनाबेल अपने क्लास में थी और उसके प्रिन्सिपल ने उसे बुलाया।)

एनाबेल एक युवा और खुशमिजाज़ कलाकार हैं, जिसका एक विशिष्ट आकर्षण है जो उसके आस-पास के सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। एनाबेल के पास सुनहरे बालों का एक झरना है जो धूप की किरणों की तरह चमकता हैं, जो उसके चेहरे को एक उज्ज्वल आभा में ढालता है। जब वह खुश होती है उसके बाल हल्की तरंगों में लहराते हैं, उसके कंधों के चारों ओर चंचलता से नाचते हुए, सोने के समृद्ध, नर्म स्वरों के खिलाफ एक आकर्षक विरोधाभास पैदा करते हैं। एनाबेल की दोनो सुंदर आंखें, गहरे नीले रंग की मनमोहक छटा से भरी हुई हैं, जो रचनात्मकता और जिज्ञासा से चमकती हैं। वे उसकी आस-पास की दुनिया के लिए आश्चर्य और जुनून की गहरी भावना को प्रतिबिंबित करती हैं, जैसे कि प्रत्येक नज़र एक कैनवास है जो उसकी कल्पना के जीवंत रंगों से भरने की प्रतीक्षा कर रही है। उसका चेहरा स्वयं एक कला का नमूना है, जो यौवन और उत्साह से सजा हुआ है। उसके गुलाबी गालों की गोलाई और उसके होठों की कोमल आकृति उसे सदैव युवा और चुलबुली अभिव्यक्ति देती है। जिससे एक ऐसा चेहरा बनता है जो कलातीत सुंदरता को दर्शाता है। उसकी मुस्कान खुशी बिखेरती है जिससे वह जिस भी कमरे में प्रवेश करती है उसे रोशन कर देती है।

एनाबेल एक बेहतरीन छत्रा थी जिसकी कला को समझने की शक्ति उसकी उम्र के हिसाब से कहीं ज्यादा आगे थी, पर कुछ हफ़्तों से उसके चित्र और पेंटिंग इतनी साधारण बन रही थी के उस से बेहतर तो वह नींद में भी बना ले। उसकी काबिलियत से कई गुना कम क्षमता वाले उसके साथी छत्रों की पेंटिंग सभी को आकर्षित कर रही थी जब के उसकी कला दिन प्रति दिन जैसे हवामें सुगंध की तरह घुल के खत्म होती जा रही थी। वह हर वक्त उदास रहती थी और किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। ऐसा भी नहीं था के उसके इस बर्ताव का कारण उसे या उसके कॉलेज के टीचर्स को ना पता हो। जानते सभी थे पर इलाज किसी के पास नहीं था। कुछ महीनों बाद एक इंटरनेशनल कॉलेज कॉम्पिटिशन होने वाला है और पिछले साल उनकी कॉलेज को एनाबेल के कारण ही जीत मिली थी, पर अब हालत ऐसे है कि एनाबेल तो हिस्सा लेने के लायक भी नहीं बची। तो चिंता करते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल ने एनाबेल को बात करने के लिए केबिन में बुलाया।

“एनाबेल देखो जो हादसा तुम्हारे साथ हुआ है उसके नुकसान की तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते पर जो भी हुआ उसे भूल के आगे बढ़ना ही जिंदगी हैं। तुम्हारे दुःख का असर तुम्हारे चित्रो में साफ दिखाई दे रहा हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो तुम कॉलेज भी पास नहीं कर पाओगी और अभी कुछ महीनो में आने वाली प्रतियोगिता में भी भाग नहीं ले पाओगी।

“यह तो अच्छी बात हैं, वैसे भी मुझे हिस्सा नहीं लेना।“ एनाबेल एकदम भावहिन स्वर में बोली।

“तुम्हारे कारण ही हमारी कॉलेज पिछले साल विजेता बनी थी अब तुम ऐसे हार मान लोगी तो हम सब की उम्मीदों का क्या होगा। तुम्हें अपने आप को संभालना होगा, अपने लिए ना सही हम सब के लिए तुम्हें इस प्रतियोगिता को जितना होगा।“

एनाबेल बोली “जिसके लिए जितना था अब वो ही नहीं रही तो जीत के क्या होगा।“

Amazing fantasy book: Magical multiverse

प्रिंसिपल समझ गए की इस से बात करने से कुछ नहीं होगा क्योंकि वह पहेल भी कई बार कोशिश कर चुके थे और हर बार की तरह इस बार भी एनाबेल उदासी की गहराइयों में डूबती जा रही थी। उसके शब्द कुछ कहे या ना कहे उसके चेहरे की उदासी सब पहले ही बता देती है। प्रिंसिपल ने एनाबेल के पिता से बात की, वे भी चाहते थे के एनाबेल हादसे से बाहर आए पर उनकी भी कोशीशे नाकाम हो रही थी। वह भी चाहते थे के एनाबेल प्रतियोगिता में भाग ले, पर दूर दूर तक इसके कोई आसार नहीं दिख रहे थे।

प्रिंसिपल ने एक तरकीब सोची और उसके पिता से बात की उसके पिता को पक्का यकीन नहीं था पर उन्होने सोचा इसे भी कर के देख लेते हैं। उसके पिता दो महीने के लिए एनाबेल को ले कर हेवन हार्बर आ गए। प्रिंसिपल के बड़े भाई यहाँ के मेयर थे। उनको सारी बाते बता दी गई थी और वह भी मदद करने को तैयार हो गए। एनाबेल को नहीं बताया था के उसे यहाँ क्यूँ लाया गया हैं, उसे बस इतना कहा था के एक प्रोजेक्ट के चलते उसके पिता को यहाँ रहना होगा और उसके इलाज के लिए उसे कॉलेज से दो महीने की छुट्टी भी मिल गई। एनाबेल के पिता और प्रिंसिपल ने सोचा के हेवन हार्बर की खूबसूरती देख सायद एनाबेल अपनी उदासी भूल जाए और फिर से पेंटिंग करने लगे। हार्बर हेवन समंदर के किनारे बसा एक सुंदर गाँव था जिसके बारे में एनाबेल ने कभी नहीं सुना था और ना उसके पिता ने। प्रिंसिपल की बात मान के एनाबेल के पिता कैसे भी कर के हार्बर हेवन पहुँच गए। पहले तो उन्हे कोई अंदाजा नहीं था के कैसी जगह होगी पर जैसे ही वे हार्बर हेवन पहुंचे उसके पिता को यकीन नहीं हुआ के ऐसी भी कोई जगह है। वे खुश तो बहुत थे पर जगह देख के उनके भी दिल में एक उम्मीद जगी के एनाबेल यहाँ रह के अपनी उदासी से आजाद हो जाएगी।

मेयर ने उनको अपने घर में रहने के लिए जगह दी। मेयर अपनी पत्नी के साथ रहते थे और उनका बेटा और उसका परिवार साल में सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही आते थे तो उनके कमरे खाली ही रहते थे तो उन्होने रहने को दे दिए। मेयर का घर समंदर किनारे से ज्यादा दूर नहीं था, ऊपर से उन्होने एनाबेल को उनके घर का सब से बेहतरीन कमरा दिया था जिस से समंदर और लाइटहाउस दोनों अच्छे से दिखाई देते थे। समंदर से उनका घर ज्यादा दूर नहीं था तो एनाबेल जब चाहे समंदर किनारे टहलने जा सकती थी जो घर से बस कुछ ही दूरी पे था। एनाबेल यहाँ आ तो गई पर उसके चेहरे पे खुशी के कोई संकेत नहीं थे।

मेयर की पत्नी ने एनाबेल को देख के अपने पति से कहा “दुनिया की सब से सुंदर जगह में से एक में आके भी किसी के चेहरे पे इतनी उदासी मैंने अपने जीवन में पहली बार देखि है।“

मेयर ने हलकेसे मुस्कराते हुए कहा “उसे जितना उदास होना है हो लेने दो, यहाँ की सुंदरता उसे अपने जादू में उसे फसा ही लेगी और उसके बाद वह जितनी भी कोशिश करे वह दुखी हो ही नहीं पाएगी।“

मेयर की बीवी ने एनाबेल के पिता से पूछा “आपको हार्बर हेवन कैसा लगा?

“बहुत ही सुंदर हैं। मुझे हैरानी हो रही है कि यह इतना सुंदर है फिर भी इसके बारे में लोगों को पता क्यूँ नहीं है!”

एनाबेल के पिता कुछ पुछे या आगे बोले उसके पहले ही मेयर ने कहा के “मैं आपको आपके कमरो के बारे में सारी जानकारी दे देता हूँ।“ मेयर दोनों को कमरो में ले गए।

पर मेयर की पत्नी अपनी यादों की दुनिया में वक्त में 10 साल पीछे चली गई। तब भी हार्बर हेवन इतना ही था जितना अब है पर तब यहाँ की सुंदरता अभी के मुकाबले दस गुना ज्यादा थी। पूरा गाँव पर्यटको से भरा हुआ रहता था, समंदर किनारे मछवारों की नावे लगी रहती थी, और चारों तरफ खाने की खुशबू फैली हुई रहती थी क्योंकि यहाँ के समुद्रीखाने के पकवान दूर दूर तक मशहूर थे और लोगों की भरमार लगी रहती थी। तब तो इंटरनेट का इतना चलन नहीं था फिर भी लोगों में यह जगह बहुत मशहूर थी पर अब यहाँ बहुत कम लोग आते हैं। क्योंकि 10 साल पहले अचानक से ऐसी घटनाए होने लगी के लोग आने कम हो गए। कुछ घटना लोगों के समझ में आई और कुछ आज भी रहस्य बन के लोगों को दूर रखने का काम कर रही हैं। उसमें सब से प्रमुख घटना है लुटेरो का पर्यटको पे हमला करना और उन्हे अगवा कर लेना। हाला की किसी भी पर्यटक को लुटेरो ने ज्यादा देर अपने पास नहीं रखा और उनहे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया पर फिर भी लोगों ने यहाँ आना बंद कर दिया। दूसरी घटना जिस से लोग यहाँ नहीं आते वो थी 10 साल पहले लोगों का समंदर किनारे से अगवा हो जाना। हाला के सभी लोग मिल गए थे पर किसी को याद नहीं है कि उनको किसने कितनी देर तक अगवा किया और उनके साथ क्या किया? सब के सब समंदर किनारे से रात के वक्त अगवा हुए थे और सभी मिले भी समंदर किनारे पर उनके साथ क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता। कई लोगों ने लुटेरो पे इल्जाम लगाए तो कई लोगों ने समुद्री जलपरियों की कहानियाँ बनाई, कई का मानना था के एलियन ने ऐसा किया है पर किसी के पास कोई सबूत नहीं था, ना कोई ऐसी चीज मिली जो अजीब लगे। इसकी जांच होनी चाहिए थी पर इन घटनाओ को उतना गंभीर तरीके से नहीं लिया गया क्योंकि किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ था और सबूत भी नहीं थे। हल्की फुलकी जांच के बाद केस भी बंद हो गया और यह आ रहे लोग भी। अब यहाँ वही लोग आते है जिनको इसके इतिहास के बारे में पता नहीं है। जैसे ही मेयर की पत्नी अपनी यादों से बाहर आई उन्होने रात के खाने की तैयारियां शुरू कर दी।

(रात को खाने के बाद जब एनाबेल बाहर टहलने गई तो उसके पिता ने मेयर उनकी पत्नी को सारी बाते बता दी के एनाबेल दुखी क्यूँ है, और उसके साथ क्या हादसा हुआ था।)

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25 नवंबर, 2023

Heaven’s lighthouse (Episode 2) free story in Hindi

Episode 2

थॉमस गाँव के मेयर से बात करने गया। गाँव के मेयर थे मिस्टर कोरटेस, जो 60 साल के थे और पिछले 20 साल से वो हार्बर हेवन के मेयर हैं। गाँव में सभी उनको पसंद करते थे क्योंकि वह बहुत शरीफ और ईमानदार आदमी हैं। सभी से प्यार से बात करना और हर किसी की मदद करना उनका स्वभाव हैं। मिस्टर कोरटेस एक वकील भी हैं, उन्हे सिर्फ सफ़ेद और काले रंग के कपड़े पहनना पसंद है और सर पे काली टोपी। चाहे कोई भी मौषम हो उनके सर पे टोपी हमेशा होती हैं। वह वकील जरूर है पर आज तक उन्होने बहुत कम केस लड़े थे क्योंकि वह बाहर ही केस को सुलझा देते और कोर्ट तक जाने की बारी ही नहीं आती थी। उनके पास ज्यादा केस आते नहीं थे इसलिए वह अपने आप को काम में व्यस्त रखने के लिए पूरा दिन कोई न कोई काम करते रहते।

अभी वो बेकरी में किसी का हाथ बटा रहे थे, थॉमस उनके पास पहुंचा। थॉमस को देख के मिस्टर कोरटेस ने पूछा “थॉमस तुम इस वक्त यहाँ! बोलो क्या खाओगे?”

“मुझे कुछ नहीं खाना।“ थॉमस इतना बोला ही था के मेयर ने कहा “अरे पैसे की चिंता मत करो, बाद में दे देना अभी भूख लगी है कुछ खा लो।“

“मुझे लाइटहाउस के बारे में बात करनी हैं।” थॉमस बोला और लाइटहाउस की बात थी तो मिस्टर कोरटेस ने तुरंत उसे बाहर आने को कहा। जैसे ही दोनों बाहर निकले बेकरी में जो ग्राहक थे वो और वहाँ की मालकिन भी कान लगा के सुनने की कोशिश करने लगे की क्या बात हो रही हैं। सभी लोग बेकरी के दरवाजे के पास जा के खड़े हो गए क्योंकि मेयर और थॉमस बेकरी के दरवाजे के बाहर ही खड़े थे। दोनों की पीठ बेकरी की तरफ थी तो उनको नहीं पता था के लोग उन्हे सुन रहे हैं।

मेयर ने चिंता करते हुए पूछा “क्या बात हैं, सब ठीक तो हैं?”

“सब ठीक हैं, सारी चिजे सही से काम कर रही है पर दिक्कत बाहर हैं, दीवारों का रंग उड चुका हैं। क्या हम उसपे रंग करवा सकते हैं?“ थॉमस ने विनती करते हुए कहा।

मेयर जानते थे की थॉमस क्या बात करने आया था इसलिए वह उसे बाहर ले कर आए थे “थॉमस तुम जो सोच रहे हो, वह मैं पिछले 2 साल से सोच रहा हूँ, पर 2 महीने पहले तूफान में हॉस्पिटल की छत टूट गई और स्कूल की दिवारे भी बर्बाद हो गई, तो हार्बर हेवन के पैसे अभी वहाँ के लिए चाहिए होंगे। देखो मैं यह नहीं कह रहा के हम रंग नहीं करेंगे, लाइटहाउस हमारे गाँव की शान वह यहाँ तब से है जब यहाँ एक भी घर नहीं था, पर अभी पैसे थोड़े कम है और लुटेरों के बारे में तो तुम जानते ही हो, हमे गाँव की सुरक्षा के लिए भी चिजे लानी हैं। अगर इन सारे कामो में से पैसे बचते है तो मैं पक्का रंग करवा ने के लिए पैसो का इंतजाम करवा दूंगा। अभी लोगों की आर्थिक स्थिति उतनी भी सुधरी नहीं है तो सब से पैसे मांगना वो भी रंग करवाने के लिए सही नहीं होगा। क्या तुम समझ रहे हो जो मैं कह रहा हूँ।“

थॉमस बोला “हाँ मुझे भी गाँव की हालत का पता हैं, मैं तो बस आप से एक बार बात कर के देखना चाहता था।“

“मुझे पता है मेरे बच्चे के तुम्हारे मन में क्या हैं, और मैं कोशिश करूंगा पर मैं तुमसे झूठा वादा नहीं करना चाहता।“ मेयर ने कहा और उनकी बात थॉमस को अच्छे से समझ में आ गई। वह चला गया और सारे लोग फिर से वैसे अपनी जगह पे चले आए जैसे पहले थे।

(रात के वक्त)

थॉमस हाथ में लालटेन लिए किनारे के इलाके की जांच के लिए निकला। वैसे तो वहाँ कोई खतरा नहीं होता पर अक्सर लुटेरे जहाज में आ के गाँव को लूटने की कोशिश करते रहते हैं। पर हर बार उन्हे अपनी जान बचा के भागना पड़ता है क्योंकि हार्बर हेवन के सभी लोग उनका एक साथ मिल के मुक़ाबला करते, और जब लुटेरों का हमला होता है तो उनके हाथ आने वाली हर चीज एक हथियार बन जाती हैं। कुछ लुटेरे सेकड़ों लोगों का सामना नहीं कर पाते और आखिर उन्हे भागना ही पड़ता हैं। हर बार थॉमस वक्त रहते लोगों को आगाह कर देता है इसलिए सब को तैयारी करने का मौका मिल जाता हैं। थॉमस ने किनारे पे जाएजा लिया सब ठीक था, वह आगे चल रहा था तभी किनारे के पास बड़ी चट्टानों के पीछे से उसे कुछ आवाज सुनाई दी, रात के अंधेरे में चट्टानों के पीछे से आवाज सुन के वह सतर्क हो गया पर उसे अंदाज नहीं आ रहा था के आवाज किस चीज की हैं। वह उधर जा ही रहा था के वहाँ से एक कुत्ता बाहर निकला, थॉमस डर के पीछे हो गया। पूरी दुनिया में थॉमस सिर्फ कुत्तो से डरता था, वरना तो वह शेर के सामने भी हिम्मत से खड़ा हो जाय, पर कुत्ते की परछाई से भी वह दूर भागता हैं। बचपन में उसे एक कुत्ते ने काट लिया था और उसे हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा था, तभी से उसके अंदर कुत्तो के प्रति एक डर बैठ गया था। गाँव में ज्यादा कुत्ते नहीं है इसलिए उसका कुत्तो से कम ही सामना होता है पर आज तक उसने किसी के सामने यह जाहीर नहीं होने दिया के उसे कुत्तो से डर लगता हैं। पर अभी वहाँ कोई नहीं था तो जैसे ही कुत्ता चट्टानों के पीछे बाहर निकला थॉमस उसे देख के तेजी से भागा; जैसे उसके पीछे हजारो कुत्तो की टोली लगी हो, वह सीधा लाइटहाउस में चला गया। और कुत्ता सिर्फ चट्टानों के पीछे निकल के बाहर आया था और वह थॉमस की तरफ भागा भी नहीं था कुत्ता दूसरी तरफ भागा और थॉमस दूसरी तरफ।

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गाँव में एक गायों के तबेले में, गाँव के कुछ चुनिन्दा लोग जमा हुए थे, यह बात करने कि लाइटहाउस पे रंग करवाने के लिए पैसो का इंतजाम कैसे करे? सभी के हालात तंग थे तो जेब से चुटकी भर मिट्टी जीतने भी पैसे किसी के पास नहीं थे। कुछ मछवारो के पास पैसे थे पर वह देने से मना कर रहे थे।

(एक मछवारा) माकसन बोला “देखो मेरे पास पैसे है और में लाइटहाउस के लिए दे भी देता पर मेरी नाव बिगड़ गई है मुझे उसे ठीक करवाना हैं, नाव ठीक नहीं हुई तो मेरा गुजारा कैसे होगा!”

डायना बोली “मेरी दुकान में तो ग्राहक आ ही नहीं रहे, लोग बस चिजे देख कर चले जाते है खरीदते कुछ भी नहीं। मछवारों के पास पैसे होंगे क्योंकि समंदर में तो लाखों मछलिया हैं।“ (डायना की एक गिफ्ट शॉप थी।)

(दूसरा मछवारा) इवान ने कहा “मछलियाँ हमारे इंतजार में नहीं होती के आओ और मुझे पकड़ के ले चलो। कई बार ऐसा भी होता है कि हमारे जाल खाली मिलते हैं। दूसरों के पास होंगे मेरे पास पैसे नहीं हैं।“

डायना इवान से बोली “मैंने देखा था; कल ही तुम टोकरियाँ भर के मछलियाँ लाए थे।“

इवान हल्का सा गुस्सा होते हुए बोला “अरे कर्जे ना की भी कोई चीज होती है या नहीं, मेरे पैसे वहाँ खर्च हो गए।“  

(डायना और इवान के बीच माहोल गरम सा हो रहा था तो जेमी ने माहोल शांत करते हुए कहा।)

बेकरी की मालकिन जेमी सिलारो बोली “देखो मेरी दुकान पे भी ग्राहक कम आते है पर मैं थोड़े पैसे दे सकती हूँ। तुम सब को ज़बरदस्ती पैसे नहीं देने हैं, अगर दे सको तभी देना। तुम लोग सोचो के हमे बस रंगो को खरीदने के पैसे निकालने है, उतना तो हम कर ही सकते हैं।“

“तो क्या पूरे लाइटहाउस पे रंग अपने आप हो जाएगा?” मेथ्यु बोला। (दूसरी दुकान का मालिक, मेथ्यु जेमी से जलता था क्योंकि उसकी बेकरी में ज्यादा ग्राहक जाते थे।)

जेमी सिलारो के पति लुडविग ने कहा “नहीं, वह काम आगे थॉमस देख लेगा। वह सब कर सकता है पर उसके पास रंग ही नहीं होंगे तो बिचारा क्या करेगा!“

“पर हम लोग आपस में क्यूँ चर्चा कर रहे हैं, यह बात तो मेयर के सामने रखनी चाहिए?” मेथ्यु ने कहा।

जेमी ने सुबह की सारी बाते सब को बता दी “मेयर चाह के भी इस बार हमारी मदद नहीं कर पाएंगे। इसलिए मैंने यह मीटिंग बुलाई है जिस हम लोग कुछ मदद कर पाए।“

(रेस्टोरेंट की मालकिन) लीलिएन बोली “पर हमे लाइटहाउस पे रंग करना ही क्यूँ हैं? अभी जो है वह ठीक तो हैं।“

(लीलिएन की बड़ी बहन और मेडिकल शॉप की मालकिन) तमारा बोली “तुम्हारी आंखो में मोतिया हुआ है क्या! तुमने देखा भी है लाइटहाउस के रंग कितने फीके हो चुके हैं, और कितने सालो से उसपे रंग नहीं लगा हैं।“

(मेथ्यु की बीवी) केथरिन बोली “अगर लाइटहाउस पे रंग लगेगा तो वह नए जैसा लगेगा और लोग उसे देखने आएंगे, जब लोग आएंगे तभी तो हमारे गाँव की दुकानों की चिजे बिकेंगी। मैंने देखा है कई टुरिस्ट आते है पर लाइटहाउस पे पास तस्वीर नहीं खिचाते क्योंकि इसके रंग फीके हो चुके हैं। बढ़िया नीला समंदर, और हमारे सुंदर घरो के साथ एक फीका बेरंग लाइटहाउस पूरी तस्वीर खराब कर देता हैं। लोग इंटरनेट पे तस्वीरे डालेंगे ही नहीं तो लोग को हमारे गाँव के बारे में पता कैसे चलेगा?

केथारिन की बार सुन के सभी लोग पैसा देने को तैयार हो तो गए। पर किसी को कुछ अंदाजा नहीं था के उसके लिए कितना रंग लगेगा और रंग करेगा कौन? तीन मंज़िला ऊंचे लाइट हाउस में कौनसे रंगो का इस्तेमाल किया जाएगा यह बात भी तय नहीं हुई थी। सब लोग अपना अपना सुझाव देने लगे और अपने मनपसंद रंग का नाम देने लगे। कोई बोला के, हरा और सफ़ेद होना चाहिए और कोई बोला के नारंगी और काला होना चाहिए, कोई लाल और पीला बोल रहा था तो कोई पूरा नीला। लोग बताने लगे की मैं पैसे दूंगा तो यही रंग होना चाहिए और दूसरा बोला के पैसे ज्यादा दोगे तो इसका यह मतलब नहीं के लाइटहाउस को बेहूदा रंगो से बर्बाद कर देंगे। रंग सभी की पसंद के होंगे। हल्की फुलकी बहस कब झगड़े में बदल गई और तालाब के शांत पानी शी मीटिंग, समंदर में ऊंची उठती लहरी तरह उपर-नीचे होती रही और अंत में सब थक हार के अपने घर चले गए क्योंकि कोई फैसला नहीं निकला।

जेमी अपने घर के बाहर खड़ी हो के आसमान की तरफ देख के, दिल से भगवान से प्राथना करते हुए बोली ऊपर वाले, हमारी समस्या बहुत बड़ी नहीं है तो उसे सुलझाना तो तुम्हारे लिए बहुत आसान होगा, आप क्यूँ न ऐसा कुछ कर के हमारी छोटी छोटी सारी मुसीबतें एक बार में खत्म हो जाय। अगर आप बहुत व्यस्त है तो आपके किसी दूत को भेज दो, पर हमारी मुसीबतें हल करवा दो।“

                                                         Episode 1     >Episode3