20 नवंबर, 2023

Heaven’s lighthouse (Episode 1) free story in Hindi

 



नीले समंदर के किनारे सुबह की हल्की धूप में सोने सी चमकने वाली रेत को हर रोज हवा, उफनती हुई नीली लहरों की मदद से रेत को पीछे धक्का देते हुए उसे जैसे रोज कहती हो के पीछे रहना यह स्थान तुम्हारा हैं, और समंदर की सतह पे राज मेरा हैं। हर रोज सुनहरी रेत और लुढ़कती लहरों की तकरार के बीच ऊबड़-खाबड़ चट्टानों की सतह के परे एक हार्बर हेवन नाम का छोटा सा गाँव बसा हुआ था। जहां रंगीन फूलों के बक्सों से सजी विचित्र टोकरियों के बीच से हार्बर हेवन की सड़के गुजरती थी, महासागर के आलिंगन के रूप में जाना जाने वाला, कुदरत की गोद में बसा सुंदर सा हार्बर हेवन दुनिया की तेज रफ्तार जिंदगी से आज भी बचा हुआ था। तटीय चट्टानों के लहरदार परिदृश्य के बीच एक गुप्त रत्न की तरह बसा यह गाँव, समुद्र के उतार-चढ़ाव पर पनपा है जिसने अपने पूरे जीवन काल में कई अच्छे और बुरे दौर देखे है, पर फिर भी आज एक मजबूत चट्टान की तरह यह अभी भी अपना अस्तित्व अनाए हुए है और अपने विकास की गति को दुनिया के तेज रफ्तार परिवर्तन से संतुलन बनाने की जनतो जहत में लगा हुआ हैं।

उसी गाँव के माथे का ताज और पूरे गाँव का सर्वोछ अभिमान ऐसा, राजसी प्रकाशस्तंभ (लाइटहाउस) जो लंबे समय के सासन के बाद एक संरक्षक और कहानीकार दोनों बन गया था, अनगिनत मौसमों और समुद्री कहानियों के निशान को अपने ऊपर समेट के रखा हुआ हैं। इसकी विशाल उपस्थिति एक जीवंत सपने से कम नहीं थी जो आकाश के नीले कैनवास के सामने मीलों दूर से दिखाई देता था। उस एक लौते और सब के प्यारे प्रकाशस्तंभ का नाम था “ocean’s eye”

सेंटिनल पीक के नाम से जाने जाने वाले एक चट्टानी प्रांत के ऊपर स्थित, ocean’s eye क्षितिज तक फैले विशाल समुद्र का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। चट्टानों से लहरों की लयबद्ध टकराहट ने नीचे के गाँव को एक सुखदायक ध्वनि प्रदान की हुई हैं। इस सुविधाजनक स्थान से, प्रकाशस्तंभ की रोशनी, ढलती शाम में एक आरामदायक चमक, अशांत पानी के ऊपर एक खुले हाथों से आलिंगन की तरह फैल जाती हैं।

सेंटिनल पीक का एक छोटा हिस्सा जिसे लोग, हार्बर हेवन के नाम से जानते है और जिसके रंगमंच पे कई कहानियाँ निभाई गई पर एक कहानी जो गांव और ocean’s eye के ताने-बाने में बुनी गई है, जिसे लोग कभी भूलना नहीं चाहेंगे उसे हम आगे देखेंगे। ocean’s eye केवल तटीय विरासत के संरक्षक के रूप में खड़ा नहीं है, यह प्रकाशस्तंभ न केवल चट्टानी तटों पर बल्कि प्रेम, रोमांच और प्राचीन जलीय समुदाय की कहानियों पर भी अपनी रोशनी डालते रहता हैं, जो उसकी सतर्क निगाहों से कभी बच के नहीं जा सकती।

//Heaven’s lighthouse (Episode 1) free story in Hindi//

अद्वितीय आकर्षण वाले प्रत्येक घर बीते युग की कहानियाँ सुनाते हैं, उनकी छतों पर अनगिनत सूर्योदयों और सूर्यास्तों की पुरानी छापें अंकित हैं। पीढ़ियों से ग्रामीणों के कदमों की आहट से घिसी-पिटी पथरीली सड़कें, जब हार्बर हेवन के मध्य से होकर गुजरती हैं तो गांव के इतिहास की कहानियाँ फुसफुसाती हैं। बंदरगाह के किनारे पर, मछुआरों की नावें समुद्र के लयबद्ध नृत्य में धीरे-धीरे हिलती रहती हैं। उनके रंगीन पतवार, सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों के जीवंत रंगों को दर्शाते हुए, बंदरगाह को एक जीवंत कैनवास में बदल देते हैं। ये नावें, जहाज़ों से कहीं अधिक, लोगों के ख्वाबो से भरपूर किस्से और समुद्री यात्रा के रोमांच की कहानी कहती हैं।

हल्के नीले आसमान में, सीगल के विशाल झुंड आकाश में घूम रहे थे और चिल्ला रहे थे, उनकी आवाजें समुद्र की लहरों की निरंतर बड़बड़ाहट के साथ सहज रूप से मिश्रित हो रही थीं। इन ध्वनियों के आदी ग्रामीण कभी इसे शोर का नाम नहीं देते, इन्हे ये तटीय जीवन की परिचित सिम्फनी के रूप में महसूस करते है जो उनके जीवन में रोज आराम से ऐसे घुल जाती है जैसे चाय में शक्कर।

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जैसे ही सूरज समुद्री सतह के नीचे डूबा, गांव पर छाया छा गई, ocean’s eye जाग गया, उसका रोशनी कक्ष एक मार्गदर्शक तारे की तरह जीवंत हो उठा। ग्रामीण, अनुभवी मछुआरे, प्रेरणा चाहने वाले कलाकार, और तटीय जीवन की सुंदरता में खोए हुए सपने देखने वाले, सभी श्रद्धा की भावना से प्रकाशस्तंभ की ओर देखते थे। यह एक नौवहन सहायता से कहीं अधिक था; यह हिम्मत और आशा का प्रतीक था, एक प्रकाशस्तंभ जिसने न केवल समुद्र को बल्कि उन लोगों के दिलों को भी रोशन किया जो हार्बर हेवन को अपना घर कहते थे।

//Heaven’s lighthouse (Episode 1) free story in Hindi//

हार्बर हेवन में, जहां अतीत और वर्तमान सद्भाव में नृत्य करते थे, गांव के प्रत्येक तत्व ने जीवन के हर के रूप में योगदान दिया था। झोपड़ियों, सड़कों, नावों और सीगल ने इस तटीय आश्रय की उभरती कहानी में अपनी भूमिका निभाई, जहां हार्बर हेवन की कहानियाँ नमकीन हवा के माध्यम से गूंजती थीं और हर ग्रामीण के कदम के नीचे चिकने पत्थरों के माध्यम से फुसफुसाती रहती थी।

आज हम ऐसी ही एक कहानी के बारे में बात करेंगे जो समय की सीमा को तोड़ कर अपने आप को अमर कर चुकी है। ऐसी गाथा जो जीवन के मुश्किल वक्त में प्यार की ताकत और उसके अहसास से हर दिल को उम्मीद से भर देती है। कई प्यार के कदारदान आए और गए पर इस कहानी को वो ही समझ सका जिसने प्यार को निभाया हैं, वरना प्यार तो हम बेजान चीजो से भी कर लेते है पर निभाते हैं उसी के साथ; जिस के साथ एहसास जुड़ा हुआ होता हैं। दुनिया में हर रोज, हर पल लाखो लोगों को प्यार होता है पर उसे निभाना बस गिने चुने लोगों को ही आता है।

Ocean’s eye, जिसकी चक्रीय दृष्टि हार्बर हेवन को देखती हैं, वो केवल एक कार्यात्मक संरचना नहीं थी; इसमें एक रहस्यमय आकर्षण था जिसने इस पर नज़र डालने वाले सभी लोगों के दिलों को मोहित कर लिया था। ऐसा ही एक इंसान था जिसके लिए यह प्रकाशस्तंभ न केवल उसका कर्म था बलके इसकी देखभाल करना उसका काम भी था। थॉमस एडम्स, प्रकाशस्तंभ का रखवाला था; उसका काम था के प्रकाशस्तंभ बिना रुके पूरी निष्ठा और सच्चे भाव से अपनी सेवा देता रहे।

थॉमस के पास परिवार के नाम पर सिर्फ उसके बूढ़े पिता ही थे। जो मछली पकड़ने का काम करते थे। जब वे जवान थे तब नाव ले कर समंदर के सीने को चीरते हुए लहरों से कुश्ती कर के सागर में दूर तक चले जाते थे पर अभी उनकी उम्र के ऊंचे स्तर के कारण वह नाव ले कर समुद्र में जाते तो है पर ज्यादा दूर नहीं जा पाते। वह बस उतनी दूरी तक जाते हैं, जहां से उनको प्रकाशस्तंभ दिखाई देता रहे। थॉमस की माँ कौन थी यह तो ठीक से उसको भी नहीं पता, क्योंकि उसके पास उनकी कोई तस्वीर नहीं हैं, उसके पिता ने बस इतना बताया था के उसकी माँ और वो एक बार समंदर में मछली पकड़ने गए थे, साथ में 2 साल का थॉमस भी था पर अचानक तूफान आया और उनकी नाव पलट गई। जैसे तैसे उसके पिता ने पलटी हुई नाव पे थॉमस को तो बचा लिया, पर जब उनकी नाव पलटी तब से उसकी माँ को उन्होने नहीं देखा। उन्होने ढूँढने की कोशिश भी की पर यह साफ था के थॉमस की माँ उस तूफानी रात में पानी में डूब के मर गई। वो ज्यादा बाते नहीं करते इसलिए थॉमस को उनके बारे में कुछ पता नहीं है पर थॉमस ने कभी जानने की जिद भी नहीं की क्योंकि उसे पता था के उसके पिता ने उसके लिए बहुत मेहनत की हैं; तो वह उनसे ऐसे कोई सवाल नहीं पूछता जिस से उसके पिता को कोई भी दुख हो।

थॉमस एक हैंडसम लड़का था, छोटे बाल और गोल चेहरा पर शरीर ऐसा बना हुआ था के किसी ने अभी अभी गरम लोहे भट्ठी में तपा के निकाला हो। पूरा दिन प्रकाशस्तंभ में काम करना और समंदर किनारे लोगों की मदद करना, वह सभी मछवारों की मदद करता था। प्रकाशस्तंभ तीन मंज़िला ऊंचा था तो रोज कई बार चढ़ना उतरना होता रहता था और सामान उठाने के कारण उसका शरीस पत्थर सा मजबूत और फुरतीला था। उसे देख कर सभी लड़के जलते और सभी लड़कियां उसपे मरती थी पर वह उनकी तरफ नजरे उठा के सीधे से देखता भी नहीं था, हर लड़की से सराफ़त और नीची आवाज में बात करता था। वह पूरे गाँव में अपने स्वभाव के कारण मशहूर था। पर फिर भी उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि हर वक्त उसके दिमाग में बस प्रकाशस्तंभ की बाते चलती रहती थी। वह ज्यादा बाते नहीं करता था और करता भी था तो समंदर और प्रकाशस्तंभ के बारे में, उसके बाद उसे ज्यादा बात करनी आती भी नहीं थी। रोज सुबह देर से उठाना और पूरी रात काम करना उसका नियम था क्योंकि दिन में तो प्रकाशस्तंभ का काम नहीं होता पर रात के वक्त समुद्री जहाज को रास्ता दिखाने का और अपने गाँव की सुरक्षा करने का जिम्मा उसी पे था तो वह पूरी रात जाग के प्रकाशस्तंभ संभालता था।

//Heaven’s lighthouse (Episode 1) free story in Hindi//

प्रकाशस्तंभ चलाने के उसे ज्यादा पैसे तो नहीं मिलते थे पर प्रकाशस्तंभ से लग कर एक घर था जो उसे संभालने वाला इस्तेमाल कर सकता था इसलिए वह यह काम कर रहा था। अब प्रकाशस्तंभ ही उसका घर बना चुका था। प्रकाशस्तंभ के अंदर के सभी साधन और मशीन ठीक से काम कर रहे थे पर प्रकाशस्तंभ की बाहर से हालत खराब थी। प्रकाशस्तंभ मजबूत था दीवारों में कोई बड़ी दरार नहीं थी पर उसका रंग फीका पड चुका था क्योंकि उसे कई सालो से रंग नहीं किया गया। थॉमस दुनिया में दो ही चिजों की परवाह करता था एक उसके पिता और दूसरा प्रकाशस्तंभ। जो अभी थोड़ी रूखी हालत में था तो उसने सोचा के इसके बारे में गाँव के मेयर से बात करनी चाहिए।

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